नई दिल्ली। फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा ने कहा कि फेसबुक अब फेस रिकग्निशन सिस्टम को बंद कर रहा है। कंपनी ने इसकी जानकारी दी है। फेसबुक ने कहा कि वहां एक अरब से भी ज्यादा लोगों का फेसप्रिंट डिलीट करेगा। फेसबुक ने यह कदम दुनियाभर में इस तकनीक को लेकर जाहिर की जा रही चिंता के बाद उठाया है। बता दें कि इस तकनीक में फोटो और वीडियो के जरिये लोगों को आसानी से पहचान लिया जाता है।
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फेसबुक की नई मूल कंपनी मेटा की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपाध्यक्ष ने कहा यह परिवर्तन प्रौद्योगिकी के इतिहास में चेहरे की पहचान के उपयोग में सबसे बड़े बदलावों में से एक होगा। उन्होंने लिखा है कि हम फेसबुक पर फेस रिकग्निशन सिस्टम को बंद कर रहे हैं। जिन लोगों ने इसका चुनाव किया है, उनकी अब फोटो और वीडियो में ऑटोमेटिकली रिकॉग्नाइज नहीं किए जाएंगे और हम एक अरब से अधिक लोगों के व्यक्तिगत फेशियल रिकग्निश टेम्प्लेट को हटा देगा।
फेसबुक ने कहा है कि वर्तमान में समाज में फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी को लेकर कई चिंताएं हैं। इसके उपयोग को नियंत्रित करने वाले नियम अभी तक स्पष्ट नहीं किए हैं।इस अनिश्चितता के बीच, हम मानते हैं कि रिकग्निशन टेक्नोलॉजी को इस्तेमाल के मामलों के एक नैरो सेट तक सीमित करना उचित है।
कंपनी ने कहा कि फेस रिकग्निशन सिस्टम के उपयोग को समाप्त करना इस तरह की व्यापक पहचान से दूर एक कंपनी के हित में कदम का हिस्सा है।फेसबुक ने फेशियल रिकग्निश टेम्प्लेट को हटाने का फैसला अपने उस ऐलान के बाद लिया है, जिसमें कंपनी ने अपना नाम बदलने की बात कही थी। कंपनी ने गुरुवार को कहा था कि वह अपना नाम बदलकर मेटा रख रही है।
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